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करवा चौथ व्रत विधि - Karwa Chauth Vrat Complete Guide

15 अक्टूबर 2025
12 मिनट पढ़ें

करवा चौथ भारतीय सुहागन महिलाओं का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण व्रत है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और मंगल कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

Karwa Chauth is one of the most sacred and important fasts observed by married Hindu women. Celebrated on the fourth day of the dark fortnight in the month of Kartik, women observe a strict fast from sunrise to moonrise for the longevity, prosperity, and well-being of their husbands.

करवा चौथ व्रत का महत्व - Significance of Karwa Chauth

आध्यात्मिक महत्व:

  • पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है
  • सुहागन महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक
  • व्रत रखने से पति की आयु में वृद्धि होती है
  • दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है
  • माँ पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है

सरगी - Pre-Dawn Meal (Sargi)

सरगी सूर्योदय से पहले खाया जाने वाला विशेष भोजन है जो सास अपनी बहू को देती है। यह प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक है।

सरगी में क्या होना चाहिए:

  • फल (सेब, केला, अनार)
  • मिठाई या हलवा
  • परांठे या पूड़ी
  • दही या लस्सी
  • सूखे मेवे (बादाम, काजू, किशमिश)
  • मटकी की फेनी

समय: सूर्योदय से लगभग 1-2 घंटे पहले सरगी खाई जाती है (सुबह 4-5 बजे)

करवा चौथ पूजा विधि - Karwa Chauth Puja Procedure

1. पूजा सामग्री (Puja Items):

• करवा (मिट्टी का लोटा)• छलनी (Chalni)• दीपक और अगरबत्ती• रोली, चावल, कुमकुम• फल और मिठाई• सिंदूर और मेहंदी• पान के पत्ते• लाल कपड़ा• गहने या श्रृंगार सामग्री

2. संध्या पूजा विधि (Evening Puja):

  1. स्नान करके लाल या गुलाबी रंग की साड़ी पहनें
  2. श्रृंगार करें: सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियाँ पहनें
  3. पूजा स्थल सजाएं: चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं
  4. करवा में जल भरें और उसमें फूल, चावल डालें
  5. दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं
  6. माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें
  7. करवा चौथ की कथा सुनें या पढ़ें
  8. सामूहिक पूजा में भाग लें अन्य महिलाओं के साथ

3. चंद्रोदय के बाद (After Moonrise):

  1. चंद्रमा को अर्घ्य दें: करवे से जल चढ़ाएं
  2. छलनी से चंद्रमा देखें और फिर पति का चेहरा देखें
  3. पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें
  4. पति के हाथों से जल पीएं और व्रत तोड़ें
  5. भोजन ग्रहण करें पति के साथ

करवा चौथ व्रत कथा - Karwa Chauth Story

प्राचीन काल में एक साहूकार की सात बेटियाँ और सात बेटे थे। सभी बहनें अपने भाइयों से बहुत प्रेम करती थीं। करवा चौथ के दिन सबसे छोटी बहन ने व्रत रखा था।

शाम होने पर वह भूख-प्यास से व्याकुल हो गई। उसे इस हालत में देखकर उसके सातों भाई दुखी हो गए। सबसे बड़े भाई ने पीपल के पेड़ पर दीपक जलाकर छलनी से उसकी रोशनी चंद्रमा के समान दिखाई और बहन को व्रत तोड़ने के लिए कहा।

बहन ने व्रत तोड़ दिया। जैसे ही पहला ग्रास खाया, उसके पति को छींक आई। दूसरा ग्रास खाते ही पति बीमार हो गए। तीसरा ग्रास खाते ही पति की मृत्यु हो गई।

बहन को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने माता पार्वती से प्रार्थना की। माता पार्वती प्रसन्न हुईं और उन्हें दोबारा मौका दिया। इस बार उसने पूरी विधि से व्रत रखा और चंद्रोदय के बाद ही व्रत तोड़ा।

माँ पार्वती के आशीर्वाद से उसके पति को पुनर्जीवन मिला और उनका दांपत्य जीवन सुखमय हो गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि महिलाएं करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा से रखती हैं।

चंद्रोदय समय - Moonrise Time

महत्वपूर्ण: चंद्रोदय का समय हर शहर में अलग-अलग होता है। अपने शहर का सही समय जरूर देखें।

सामान्य चंद्रोदय समय (2025):

  • दिल्ली: शाम 7:54 PM
  • मुंबई: शाम 8:15 PM
  • कोलकाता: शाम 7:22 PM
  • चेन्नई: शाम 7:48 PM

(यह समय अनुमानित है। कृपया अपने स्थानीय पंचांग से सही समय की जांच करें)

करवा चौथ व्रत के नियम - Rules and Guidelines

✓ क्या करें:

  • • सूर्योदय से पहले सरगी खाएं
  • • लाल या पारंपरिक पोशाक पहनें
  • • पूरा श्रृंगार करें (सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी)
  • • व्रत कथा जरूर सुनें
  • • चंद्रमा को अर्घ्य दें
  • • पति के हाथ से पानी पीएं
  • • सास-ससुर का आशीर्वाद लें

✗ क्या न करें:

  • • चंद्रोदय से पहले व्रत न तोड़ें
  • • पानी भी न पीएं (निर्जला व्रत)
  • • काले रंग के कपड़े न पहनें
  • • बाल खुले न रखें
  • • नकारात्मक विचार न रखें
  • • किसी से झगड़ा न करें
  • • गैर-शाकाहारी भोजन न करें

स्वास्थ्य सुझाव - Health Tips for Fasting

  • 1.सरगी में पौष्टिक भोजन: फल, दूध, मेवे खाएं जो पूरे दिन ऊर्जा दें
  • 2.अधिक मीठा न खाएं: सरगी में ज्यादा मीठा खाने से प्यास ज्यादा लगती है
  • 3.आराम करें: दिन में अत्यधिक परिश्रम से बचें
  • 4.गर्भवती या बीमार महिलाएं: डॉक्टर से परामर्श के बाद ही व्रत रखें
  • 5.व्रत तोड़ने के बाद: धीरे-धीरे भोजन करें, पहले पानी पीएं

आधुनिक युग में करवा चौथ - Modern Significance

आज के युग में करवा चौथ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को मजबूत करने का अवसर है। कई पति भी अपनी पत्नी के साथ व्रत रखते हैं, जो समानता और आपसी सम्मान का प्रतीक है।

यह त्योहार महिलाओं को एक साथ आने, खुशियां मनाने और सांस्कृतिक परंपराओं को आगे बढ़ाने का मौका देता है। यह दांपत्य जीवन में रोमांस और खुशियों का संचार करता है।

निष्कर्ष - Conclusion

करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह व्रत न केवल पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है, बल्कि दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास और समर्पण को मजबूत करता है।

माँ पार्वती और भगवान शिव की कृपा से यह व्रत सभी सुहागन महिलाओं के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाए। जय माता पार्वती! 🙏

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